याद न तब भूली जायेगी गीत
याद न
तब भूली जायेगी
रवि का रथ ओझल होने पर ,
सांझ
अनमनी सुधियाँ लेकर -
.
बैठी विकल चकोरी कोई ,
तारों
से मन बहलायेगी |
याद न तब भूली जायेगी |
मुस्काकर
दो पल आंगन में ,
मौन
दुपहरी के दामन् में ,
कोई
कलिका जब खिलने से -
पहले
ही मुरझा जायेगी |
याद न तब भूली जायेगी |
चुपके
से उपवन में आकर ,
गरम
गरम पंखुरी सहलाकर ,
शीतल
पवन धूप से जलते ,
फूलों
को जब दुलरायेगी |
याद न तब भूली जायेगी |
निशि
भर कभी किसी निवास से ,
घर
के बिलकुल बहुत पास से ,
शहनाई
की मीठी मीठी ,
धुन
जब कानों में आयेगी |
याद न तब भूली जायेगी |
पास
किसी तरु की डाली पर
अपनी
मस्ती में इठलाकर ,
मधुऋतु
में जब काली कोयल .
गीत
मगन होकर गायेगी |
याद न तब भूली जायेगी |
थकन
मिटाने को निज तन की ,
पीड़ा
पीकर के जीवन की ,
दो
पल जब निशि की छाया में ,
सारी
दुनियां सो जायेगी |
याद न तब भूली जायेगी |
सुन्दर शानदार अहसासों की अनुभूति कराती रचना.. आपको मेरा प्रणाम..
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद आभार जिज्ञासा जी
जवाब देंहटाएंमुस्काकर दो पल आंगन में ,
जवाब देंहटाएंमौन दुपहरी के दामन् में ,
कोई कलिका जब खिलने से -
पहले ही मुरझा जायेगी |
याद न तब भूली जायेगी |
बहुत सुंदर रचना..
बहुत बहुत धन्यवाद आभार अर्पिता जी
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर दिल को छूते छंद हैं सभी ... यादों की गहराई में उतार देने वाले पल हमेशा ले जाते हैं पीछे ...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद आभार दिगम्बर जी
हटाएंबहुत सरस और सुन्दर गीत-संवेदनशील मन की गुनगुन.
जवाब देंहटाएंप्रतिभा जी बहुत बहुत आभार धन्यवाद
जवाब देंहटाएंकिसी प्रिय की स्मृतियों को भुलाना सरल कहाँ है आलोक जी । सच पूछिए तो यह संभव ही नहीं है । जिन्हें हम भूलना चाहें, वो अकसर याद आते हैं । आपका यह गीत मन को छू गया मेरे ।
जवाब देंहटाएंजितेन्द्र जी बहुत बहुत धन्यवाद आभार |इस सुन्दर ह्रदय स्पर्शी टिप्पणी के लिए |
हटाएंदिल को छूती बहुत ही सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार धन्यवाद ज्योति जी |
हटाएंजिस तरह मनचाहा भोजन पाकर जिह्वा तृप्त होजाती है आपका गीत पढ़कर हृदय उसी तरह तृप्त हो गया . भाषा भाव प्रवाह सब कुछ सुन्दर .
जवाब देंहटाएंगिरिजा जी बहुत बहुत आभार धन्यवाद मन को उत्साहित करने वाली टिप्पणी के लिए
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर गीत है आदरणीय सर। आज दुबारा पढ़ रही हूँ। कुछ रचनाएँ मन पर गहरी छाप छोड़ जाती हैं।
जवाब देंहटाएंमीना की बहुत बहुत धन्यवाद आभार । बिलकुल सच कहा आपने ।। कुछ गीत तो अकसर गुनगुनाने को भी मन करता है।
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