गीत
५ सपनों ने संन्यास लिया तो पगली आँखों का क्या
होगा ?
आंसू से भीगी
अँखियाँ भी ,
सपनों में
मुस्काने लगतीं |
कितनी हों
दर्दीली श्वांसें ,
प्रीत जगे
तो गानें लगती ||
प्रीत हुई बैरागिन तो इन भोली
श्वांसों का क्या होगा ?
पीर न लेती जनम
धरा पर ,
तो साँसों के
फूल न खिलते |
यमुना जल पानी
कहलाता ,
यदि राधा के अश्रु न मिलते ||
झूठी हैं यदि अश्रु – कथाएं
तो इतिहासों का क्या होगा ?
तिल तिल जल कर
ही दीपक ने ,
मंगलमय उजियारा
पाया |
जितना दुःख सह लेता है
मन ,
उतनी उजली होती
काया ||
पुण्य पाप से हार गए तो इन विश्वासों का क्या होगा ?
रचना --- कुसुम सिन्हा
पीर न लेती जनम धरा पर तो साँसों के फूल न खिलते | यमुना जल पानी कहलाता , यदि राधा के अश्रु न मिलते || झूठी हैं यदि अश्रु – कथाएं तो इतिहासों
जवाब देंहटाएंका क्या होगा?
बहुत ही भाव पूर्ण रचना आदरणीय आलोक जी। कुसुम दीदी की रचना पढवाने के लिए कोटि आभार 🙏🙏
रेणु जी बहुत बहुत धन्यवाद
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 5 दिसंबर 2020 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद! ,
श्वेता जी बहुत बहुत आभार रचना को सम्मान देने के लिए
हटाएंबहुत बहुत धन्यवाद भाई साहब
जवाब देंहटाएंजितना दुःख सह लेता है मन ,
जवाब देंहटाएंउतनी उजली होती काया || प्रभावशाली रचना।
शांतनु जी बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंसधु जी बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंमनोज जी बहुत बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंजितना दुःख सह लेता है मन ,
जवाब देंहटाएंउतनी उजली होती काया ||
पुण्य पाप से हार गए तो इन विश्वासों का क्या होगा ?
वाह!!!!
लाजवाब सृजन
सुधा जी बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंआदरणीया कुसुम जी की गीतों में जादुई आकर्षण है । आपका आभार उनसे भाव संबंध स्थापित करवाने के लिए ।
जवाब देंहटाएंअमृता जी बहुत बहुत धन्यवाद आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ... भावनाओं से भरपूर, कोमल ह्रदय से निकले शब्द ...
जवाब देंहटाएंबहुत शुभकामनायें ...
नसवा जी , बहुत बहुत आभार
हटाएंकुसुम जी के गीत बहुत उत्कृष्ट हैं। कुसुम जी का परिचय विस्तार से दें तो उपकार होगा। 🙏
जवाब देंहटाएंवर्षा जी उनका पूर्ण परिचय उनके व्यक्तित्व कृतित्व में उपलब्ध है | शायद आपने ध्यान नहीं दिया |
हटाएंबहुत सुंदर गीत..
जवाब देंहटाएंप्रीत हुई बैरागिन तो इन भोली श्वांसों का क्या होगा ?
सुंदर प्रस्तुति..
अर्पिता जी बहुत बहुत आभार धन्यवाद
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