बुधवार, 7 अप्रैल 2021

गीत की हर कड़ी तुम्हारे लिए है |`

                                        गीत

      गीत की हर कड़ी तुम्हारे लिए है   |                                                      

         हर गीत में तुम्हारे स्मृति बसी है ,

         याद आना तो मन की बेबसी है |

               प्रीत की हर घड़ी तुम्हारे लिए है |

               गीत की हर कड़ी तुम्हारे लिए है |`

         गा रही तुम्हारे लिए हर सांस है ,

         तुम नहीं तो मन बहुत ही उदास है |

               अश्रु की हर लड़ी तुम्हारे लिए है |

               गीत की हर कड़ी तुम्हारे लिए है |`

         लोचनों के दीपक जलाये हुए हूँ ,

         पथ तुम्हारा जगमगाए हुए हूँ |                                                      प्राण की फुलझड़ी तुम्हारे लिए है |

                 गीत की हर कड़ी तुम्हारे लिए है |

  

 

24 टिप्‍पणियां:

  1. प्रेम पगी खूबसूरत एहसासों से भरी सुन्दर रचना ...

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  2. लोचनों के दीपक जलाये हुए हूँ ,

    पथ तुम्हारा जगमगाए हुए हूँ | प्राण की फुलझड़ी तुम्हारे लिए है |

    गीत की हर कड़ी तुम्हारे लिए है |.प्रेम के सुंदर यादों की भावभरी अभिव्यक्ति ।`

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    1. जिज्ञासा जी बहुत बहुत धन्यवाद आभार सुन्दर टिप्पणी के लिए

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  3. भाई साहब बहुत बहुत आभार धन्यवाद

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  4. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (१०-०४-२०२१) को 'एक चोट की मन:स्थिति में ...'(चर्चा अंक- ४०३२) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।

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  5. बहुत बहुत धन्यवाद आभार अनीता जी रचना को चर्चा में सम्मिलित करने के लिए |

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  6. याद आना तो मन की बेबसी है। ठीक ही कहा आलोक जी आपने। आपके इस सुंदर गीत को पढ़कर एक बहुत पुराना फ़िल्मी गीत याद आ गया - जलते हैं जिसके लिये, तेरी आँखों के दिये ढूँढ लाया हूँ वही गीत मैं तेरे लिये।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद आभार जितेन्द्र जी टिप्पणी के लिए ।

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  7. अश्रु की हर लड़ी तुम्हारे लिए है |
    गीत की हर कड़ी तुम्हारे लिए है |
    बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण गीत...गुनगुनाने लायक...
    वाह!!!!

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  8. सुधा जी बहुत बहुत धन्यवाद आभार टिप्पणी के लिए ।

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  9. बहुत बहुत धन्यवाद आभार शकुंतला जी

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  10. बहुत सुंदर समर्पित भाव सुंदर रचना।

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  11. प्रेय! गेय! काम्य! अति सुन्दर सृजन ।

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  12. अमृता जी बहुत बहुत धन्यवाद आभार

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  13. विमल जी बहुत बहुत धन्यवाद आभार

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  14. अनुराधा जी बहुत बहुत धन्यवाद आभार

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  15. विरह और अनुराग की मिली जुली भावनाओं से गुंथी शानदार रचना आलोक जी | प्रेमिल अनुभूतियाँ मन को स्पर्श करती हैं | हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई आपको |

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